आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zikr e meer mir taqi mir ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "zikr e meer mir taqi mir ebooks"
नज़्म
आ गया दिल में तिरे 'मीर-तक़ी-मीर' का सोज़
दे गया दर्द की लज़्ज़त तुझे 'दिल-गीर' का सोज़
हबीब जौनपुरी
नज़्म
ज़िक्र-ए-अहल-ए-हर्फ़ है जिस में लिखी वो भी किताब
उस में समझाया 'अनीस'-ओ-'मीर'-ओ-'ग़ालिब' का मक़ाम
प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
नज़्म
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
आ भी जा, ताकि मिरे सज्दों का अरमाँ निकले
आ भी जा, कि तिरे क़दमों पे मिरी जाँ निकले